बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययनसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 5 पाठक हैं |
बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन
प्रश्न- पाकिस्तान की आणविक नीति का भारत की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव का परीक्षण कीजिये।
अथवा
अपने पड़ोसी देशों जैसे पाकिस्तान की बढ़ती हुई आणविक शक्ति से सम्बन्धित विभिन्न आशंकाओं की विवेचना कीजिए तथा बताइये कि किस भांति भारत की सुरक्षा इससे प्रभावित होती है?
अथवा
नाभिकीय शक्ति सम्पन्न पाकिस्तान का भारत की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
अथवा
पाकिस्तान के नाभकीय कार्यक्रम और भारतीय सुरक्षा पर पड़ने वाले इसके प्रभावों की विवेचना कीजिए।
अथवा
पाकिस्तान के नाभकीय कार्यक्रम पर संक्षिप्त में टिप्पणी कीजिए।
उत्तर -
पाकिस्तान की परमाणु क्षमता
(Nuclear Power of Pakistan)
आज विश्व के सभी राष्ट्र परमाणु शक्ति सम्पन्न बनना चाहते हैं। सभी राष्ट्रों ने आणविक हथियारों की प्राप्ति को अपनी राष्ट्रीय प्रतिष्ठा का प्रश्न मान लिया है। हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु विस्फोटों का असर सम्पूर्ण विश्व ने देखा और समझा भी है कि जिस राष्ट्र के पास परमाणु शक्ति है, वही सर्वशक्तिमान है। आज अमेरिका, रूस, चीन, फ्राँस तथा ब्रिटेन के पास परमाणु शक्ति इतनी अधिक है कि यदि इनकी सम्पूर्ण परमाणु शक्ति का प्रयोग किया जाय तो इस पृथ्वी की जैसी पचास पृथ्वी को नष्ट किया जा सकता है।
पाकिस्तान ने 1955 ई. में पहली बार परमाणु शक्ति समिति की स्थापना की थी और 1956 ई. में ही इसको परमाणु शक्ति आयोग के रूप में बदल दिया गया। परमाणु अनुसन्धान कार्यों को बढाने में अमेरिका ने पाकिस्तान की मदद की, जिसके परिणामस्वरूप 1998 ई. तक पाकिस्तान में 24 परमाणु शक्ति प्लान्ट लगाये जा चुके हैं। अमेरिका के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय दैनिक 'वाशिंगटन पोस्ट' ने 3 नवम्बर, 1986 ई. के संस्करण में अमेरिका के सुरक्षा जासूसी समाचार का हवाला देते हुए दावे से बताया कि 18 और 21 सितम्बर 1986 ई. को पाकिस्तान द्वारा परमाणु बम का दूसरा परीक्षणात्मक विस्फोट किया गया।
यह कोई गुप्त रहस्य नहीं रह गया है कि पाकिस्तान ने चीन अमेरिका सहित कई देशों से नाभिकीय सहयोग प्राप्त किया है। पाकिस्तानी नेताओं के अनुसार पाकिस्तान ने परमाणु बम डालने के लिए मिराज लड़ाकू विमान चीनी ए5 हवाई बेड़ा और अमेरिकी एफ-16 लड़ाकू विमानों की त्रिमुखी व्यवस्था कर रखी है। इसके अतिरिक्त परमाणु वाहक एम 11 और एम - 9 तथा गौरी मिसाइलें पाकिस्तान की परमाणु क्षमता में सहायक हैं। पाकिस्तान के परमाणु बम के जनक डॉ. कादिर खान के अनुसार पाकिस्तान ने भारत को परमाणु क्षेत्र में काफी पीछे छोड़ दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आज पाकिस्तान के पास 15 से 20 परमाणु हथियार हैं।
पाकिस्तान का परमाणु परीक्षण और भारत की सुरक्षा पर प्रभाव - आज भारतीय सुरक्षा को अनेकानेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें बाह्य आन्तरिक चुनौतियाँ कायम हैं। पड़ोसी राष्ट्र भारत की स्थिरता व उसके बढ़ते वैश्विक वर्चस्व को स्वीकार्य करने में हिचकते हैं और उसको क्षीण करने को सदैव उत्सुक रहते हैं, जिससे देश में अशान्ति का वातावरण बना रहे। परम्परागत शत्रु राष्ट्र पाकिस्तान, चीन का आपसी गठजोड़ भारत को सदैव सैन्य रूप से सीमा पार से चुनौतियाँ देता रहता है। इसके साथ ही राष्ट्र के अन्दर विभिन्न अलगाववादी एवं राष्ट्र विरोधी तत्वों को विभिन्न स्वरूपों में मदद पहुँचाते रहते हैं, जिसके उदाहरण विगत वर्षों में भारत के अन्दर दिखते आ रहे हैं। पाकिस्तान द्वारा निरन्तर अपने सैन्य व्यय में बढ़ोत्तरी, पूर्व में विभिन्न पश्चिमी राष्ट्रों से खासकर अमेरिका से अपनी सुरक्षा की आवश्यकताओं से अधिक एवं आक्रामक हथियार प्राप्त करते रहना, साथ ही अरब देशों से आर्थिक विकास एवं सामाजिक विकास के नाम पर प्राप्त धनराशि को भी सैन्य विकास में व्यय करना भारत के विरुद्ध अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाना अर्थात् भारत की शान्ति को चुनौती देना ही उद्देश्य रहा है। वर्तमान में भारत के बढ़ते वैश्विक सम्बन्धों खासकर यूरोप के राष्ट्रों से तो उसे हथियारों की मदद कम हुयी, जिसका उपयोग वो भारत के खिलाफ सदैव करता रहा है, लेकिन भारत का दूसरा शत्रु राष्ट्र चीन वर्तमान में पाकिस्तान का मुख्य संरक्षक बना हुआ है, क्योंकि दोनों राष्ट्रों का उद्देश्य एक ही है कि भारत को अस्थिर करना। जिसके लिये सीमा पर विभिन्न प्रकार की सैन्य कार्यवाहियों के द्वारा समस्यायें और चुनौतियों को बनाये रखा जाता है। पाकिस्तानी शासक प्रारम्भ से ही भारत को अपना एक मात्र शत्रु मानते चले आ रहे हैं, वो भारत की सीमाओं पर अपनी फौज का 80% हिस्सा तैनात करना इस बात को प्रमाणित भी करता है। पाकिस्तान-चीन गठजोड़ पाक अधिकृत कश्मीर के क्षेत्र में मिलकर सैन्य अड्डों का निर्माण कर भारत के खिलाफ षडयन्त्र रच रहे हैं। चीन द्वारा आर्थिक गलियारे का निर्माण और POK में भारी मात्रा में आर्थिक निवेश को बढ़ाया जा रहा है। यहाँ पर वह अपने सैन्य ट्रेनिंग सेन्टर खोल पाकिस्तान को खुली सैन्य मदद प्रदान कर रहा है, जिसके कारण भारत को जम्मू-कश्मीर के दोनों मोर्चों पर चीनी सेना का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में घटित कई सैन्य घटनाएँ चीन-पाक के मजबूत होते गठजोड़ के कारण इनमें से किसी भी देश के साथ युद्ध की स्थिति में भारत के खिलाफ दो मोर्चे खुल जायेंगे जो कि किसी भी अनिष्ट से कम नहीं होंगे। पाकिस्तान को सामरिक एवं परमाणुविक रूप से सुदृढ़ता प्रदान कर चीन भारत पर दबाव बनाने का कार्य निरंतर करता रहा है। चीन-पाकिस्तान सैन्य गठबंधन का मुख्य उद्देश्य भारत की शक्ति को सैन्य चुनौती देते हुये बाह्य एवं आंतरिक तौर पर विश्व परिदृश्य में उसकी छवि को धूमिल करना एवं हथियारों के व्यापार हेतु बाजार प्राप्त करना है। चीन भारत को अपनी सैन्य ताकत की जोर आजमाइश दिखाता रहता है, चाहे वह 73 दिन तक चले जून 2017 का डोकलाम विवाद रहा हो या हाल की घटित पूर्वी लद्दाख पर सैन्य सीमा विवाद रहा हो।
आणविक खतरों से निपटने के लिए भारत की रक्षात्मक नीति - भारत को आणविक खतरों से निपटने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय दबावों के बावजूद मिसाइल कार्यक्रम का विकास क्रम तेज करना है। हांलाकि भारत ने सम्पूर्ण विश्व को यह अहसास करा दिया है कि वह भी एक परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र है और किसी भी आक्रमण का मुँह तोड़ जवाब देने में सक्षम है किन्तु फिर भी अभी भारत के पास इतने परमाणु शस्त्र नहीं है कि वह सम्पूर्ण विश्व के राष्ट्रों का सामना कर सके। यह तो सभी जानते हैं कि पाकिस्तान और चीन आपस में मित्र है और दोनों ही राष्ट्र भारत के कट्टर शत्रु है और चीन के पास परमाणु शस्त्रों की संख्या भारत के परमाणु शस्त्रों से कई गुना अधिक है और यदि चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के विरुद्ध आक्रमणात्मक कार्यवाही की तो भारत उस आक्रमण का सामना नहीं कर पायेगा। इसीलिए भारत को अपनी आणविक शक्ति बढ़ाना अति आवश्यक है। आज भारत के पास लगभग 12 से 15 परमाणु शस्त्र हैं तथा इन हथियारों को लक्ष्य तक पहुँचाने के लिए मिराज 200 जगुआर और सुखोई 30 विमान हैं तथा अग्नि और पृथ्वी मिसाइल पाकिस्तान की गौरी मिसाइल का सामना करने में सक्षम हैं, किन्तु केवल यह अस्त्र-शस्त्र काफी नहीं हैं।
भारतीय सुरक्षा के लिए 'सागरिका' और 'सूर्या' का विकास शीघ्र ही करना पड़ेगा अन्यथा हमारी भारतीय सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। भारत सरकार को अग्नि 2 का विकास, प्रक्षेपण और परमाणु युद्ध शीर्ष से तैनाती सीमाओं पर करने के लिए अपनी परमाणु नीति में बदलाव करना होगा। सम्भवतः इसीलिए जुलाई 1984 ई. में रक्षा एवं विश्लेषण संस्थान के पूर्व निदेशक श्री के. सुब्रहमण्यम ने कहा था कि "देश की सुरक्षा के लिए अनिश्चितता को त्यागकर आणविक शस्त्रागार की नींव रखना ही बुद्धिमानी होगी। इसीलिए भारत को यह मान कर ही अपनी सुरक्षा को प्रत्याभूति करना होगा कि पाकिस्तान एक नाभिकीय शक्ति है। इसलिए भारत को अपने आरक्षित विकल्प को अपनाकर पाकिस्तान से परमाणु युद्ध में मुकाबला करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
|
- प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की अवधारणा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्र राज्य की शक्ति रचना दृश्य पर एक लेख लिखिये।
- प्रश्न- राष्ट्र राज्य से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्र और राज्य में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित कीजिए तथा सुरक्षा के आवश्यक तत्वों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित करते हुए सुरक्षा के निर्धारक तत्वों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। राष्ट्रीय हित में सुरक्षा क्यों आवश्यक है? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा के तत्वों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सामाजिक समरसता का क्या महत्व है?
- प्रश्न- भारत के प्रमुख असैन्य खतरे कौन से हैं?
- प्रश्न- भारत की रक्षा नीति को उसके स्थल एवं जल सीमान्तों के सन्दर्भ में बताइये।
- प्रश्न- प्रतिरक्षा नीति तथा विदेश नीति में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा का विश्लेषणात्मक महत्व बताइये।
- प्रश्न- रक्षा नीति को प्रभावित करने वाले मुख्य तत्वों के विषय में बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा सुरक्षा नीति से आप क्या समझते है?
- प्रश्न- भारत की रक्षा नीति का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित करते हुए शक्ति की अवधारणा का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति की रूपरेखा बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित कीजिए तथा अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की शक्ति रचना दृश्य पर एक लेख लिखिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के तत्वों का परीक्षण कीजिये।
- प्रश्न- "एक राष्ट्र के प्राकृतिक संसाधन उसकी शक्ति निर्माण के महत्वपूर्ण तत्व है।' इस कथन की व्याख्या भारत के सन्दर्भ में कीजिए।
- प्रश्न- "किसी देश की विदेश नीति उसकी आन्तरिक नीति का ही प्रसार है।' इस कथन के सन्दर्भ में भारत की विदेश नीति को समझाइये।
- प्रश्न- भारतीय विदेश नीति पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- कूटनीति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- कूटनीति का क्या अर्थ है? बताइये।
- प्रश्न- कूटनीति और विदेश नीति का सह-सम्बन्ध बताइये।
- प्रश्न- 'शक्ति की अवधारणा' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति पर मार्गेनथाऊ के दृष्टिकोण की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के आर्थिक तत्व का सैनिक दृष्टि से क्या महत्व है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति बढ़ाने में जनता का सहयोग अति आवश्यक है। समझाइये।
- प्रश्न- विदेश नीति को परिभाषित कीजिये तथा विदेश नीति रक्षा नीति के सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- सामूहिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शीत युद्ध के बाद के अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा वातावरण पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- संयुक्त राष्ट्र संघ (U.N.O.) पर एक संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये -(i) सुरक्षा परिषद् (Security Council), (ii) वारसा पैक्ट (Warsa Pact), (iii) उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO), (iv) दक्षिण पूर्वी एशिया संधि संगठन (SEATO), (v) केन्द्रीय संधि संगठन (CENTO), (vi) आसियान (ASEAN)
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन की अवधारणा स्पष्ट कीजिए तथा इनके लाभ पर प्रकाश डालिए?
- प्रश्न- क्या संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व में शान्ति स्थापित करने में सफल हुआ है? समालोचना कीजिए।
- प्रश्न- सार्क पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन के विभिन्न रूपों तथा उद्देश्यों का वर्णन करते हुए इसके सिद्धान्तों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निःशस्त्रीकरण को परिभाषित करते हुए उसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन की अवधारणा की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- 'क्षेत्रीय सन्धियों' पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- समूह 15 ( G-15) क्या है?
- प्रश्न- स्थाई (Permanent) तटस्थता तथा सद्भावनापूर्ण (Benevalent) तटस्थता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नाटो (NATO) क्या है?
- प्रश्न- सीटो (SEATO) के उद्देश्य क्या हैं?
- प्रश्न- सार्क (SAARC) क्या है?
- प्रश्न- दक्षेस (SAARC) की उपयोगिता को संक्षेप में समझाइए।
- प्रश्न- “सामूहिक सुरक्षा शांति स्थापित करने का प्रयास है।" स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- 'आसियान' क्या है? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुटनिरपेक्षता (Non-Alignment) तथा तटस्थता (Neutrality) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन को एक नीति के रूप में समझाइये।
- प्रश्न- सामूहिक सुरक्षा और संयुक्त राष्ट्र संघ पर एक टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- निःशस्त्रीकरण को परिभाषित कीजिये।
- प्रश्न- निःशस्त्रीकरण और आयुध नियंत्रण में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- शस्त्र नियंत्रण और निःशस्त्रीकरण में क्या सम्बन्ध है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये आन्तरिक व बाह्य खतरों की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के अन्तर्गत भारत को अपने पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान तथा चीन से सम्बन्धित खतरों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'चीन-पाकिस्तान धुरी एवं भारतीय सुरक्षा' पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व एवं अर्थ की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- गैर-सैन्य खतरों से आप क्या समझते हैं? उनसे किसी राष्ट्र को क्या खतरे हो सकते हैं?
- प्रश्न- देश की आन्तरिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? वर्तमान समय में भारतीय आन्तरिक सुरक्षा के लिए मुख्य खतरों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारत की आन्तरिक सुरक्षा हेतु चुनौतियाँ कौन-कौन सी है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रक्षा की अवधारणा बताइए।
- प्रश्न- खतरे की धारणा से आप क्या समझते हैं? भारत की सुरक्षा के खतरों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्र की रक्षा योजना क्या है और इसकी सफलता कैसे निर्धारित होती है?
- प्रश्न- "एक सुदृढ़ सुरक्षा के लिए व्यापक वैज्ञानिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार की आवश्यकता है।" विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- भारत के प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए विकसित प्रक्षेपास्त्रों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- पाकिस्तान की आणविक नीति का भारत की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव का परीक्षण कीजिये।
- प्रश्न- चीन के प्रक्षेपात्र कार्यक्रमों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चीन की परमाणु क्षमता के बारे में बताइए।
- प्रश्न- भारतीय मिसाइल कार्यक्रम पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- भारत की नाभिकीय नीति का संक्षेप में विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- भारत के लिये नाभिकीय शक्ति (Nuclear Powers ) की आवश्यकता पर एक संक्षिप्त लेख लिखिये।
- प्रश्न- पाकिस्तान की परमाणु नीति की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- पाकिस्तान की मिसाइल क्षमता की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- क्या हथियारों की होड़ ने विश्व को अशान्त बनाया है? इसकी समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- N. P. T. पर बड़ी शक्तियों के दोहरी नीति की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध संधि (CTBT) के सैद्धान्तिक रूप की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- MTCR से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय मिसाइल रक्षा (NMD) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- परमाणु प्रसार निषेध संधि (N. P. T.) के अर्थ को समझाइए एवं इसका मूल उद्देश्य क्या है?
- प्रश्न- FMCT क्या है? इस पर भारत के विचारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- शस्त्र व्यापार तथा शस्त्र सहायता में क्या सम्बन्ध है? बड़े राष्ट्रों की भूमिका क्या है? समझाइये |
- प्रश्न- छोटे शस्त्रों के प्रसार से आप क्या समझते हैं? इनके लाभ व हानि बताइये।
- प्रश्न- शस्त्र दौड़ से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शस्त्र सहायता तथा व्यापार कूटनीति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शस्त्र व्यापार करने वाले मुख्य राष्ट्रों के नाम बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये वाह्य व आन्तरिक चुनौतियाँ क्या हैं? उनसे निपटने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- भारत की सुरक्षा चुनौती को ध्यान में रखते हुए विज्ञान एवं तकनीकी प्रगति की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- भारत में अनुसंधान तथा विकास कार्य (Research and Development) पर प्रकाश डालिए तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठनों का भी उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- "भारतीय सैन्य क्षमता को शक्तिशाली बनाने में रक्षा उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।' उपरोक्त सन्दर्भ में भारत के प्रमुख रक्षा उद्योगों के विकास का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- नाभिकीय और अंतरिक्ष कार्यक्रम के विशेष सन्दर्भ में भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- "एक स्वस्थ्य सुरक्षा के लिए व्यापक वैज्ञानिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार की आवश्यकता है।" विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ.) पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पर एक संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए